Haryana

सिरसा में फर्जी सर्टिफिकेट घोटाले का खुलासा, जल्द होंगी 7 गिरफ्तारियां

हरियाणा के सिरसा से एक बड़ा मामला सामने आया है। कोरोना महामारी के दौरान स्टूडेंट्स के फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के घोटाले में शामिल तीन स्कूल संचालकों और प्रिंसिपलों समेत सात लोगों की गिरफ्तारी जल्द होने की संभावना है। पुलिस ने इस मामले में अब तक एक क्लर्क को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है।


फर्जी सर्टिफिकेट मामला: कैसे हुआ खुलासा? 🕵️‍♂️

अप्रैल 2021 में सिरसा के एक प्राइवेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं कक्षा के आठ बच्चों के फर्जी प्रमाण पत्र और स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट तैयार किए गए। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 12वीं कक्षा के भी फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए गए। हालांकि, हरियाणा बोर्ड ने इन सर्टिफिकेट्स की सत्यता पर सवाल उठाते हुए रिजल्ट रोक दिया, जिससे यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

वर्षमामला उजागरसंबंधित स्कूल
अप्रैल 2021फर्जी प्रमाण पत्र तैयारश्रीगुरु तेग बहादुर सीनियर सेकेंडरी स्कूल पतली डाबर
सितंबर 2022शिकायत दर्ज92 स्कूलों में 129 फर्जी दाखिले

शिकायत और पुलिस कार्रवाई 🛑

हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव ने 30 सितंबर 2022 को सिरसा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ और बोर्ड को धोखा देने के आरोप में केस दर्ज किया।
मामले की जांच तत्कालीन एसपी द्वारा सीआईए टीम को सौंपी गई थी। पुलिस ने हाल ही में एक क्लर्क सुखविंद्र सिंह उर्फ गगन को गिरफ्तार किया है।

दर्ज धाराएं:

  • आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी)
  • धारा 467 (जालसाजी)
  • धारा 468 (फर्जी दस्तावेज तैयार करना)
  • धारा 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग)
  • धारा 120बी (षड्यंत्र)

घोटाले में कौन-कौन शामिल? 👨‍🏫

पुलिस ने मामले में कई स्कूल संचालकों और प्रिंसिपलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

  1. श्रीगुरु तेग बहादुर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पतली डाबर
  2. ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल, मानक दिवान
  3. श्रीगुरु नानक देव सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भंगू
  4. श्रीसाई संस्थान द्वारिका पूरी इंस्टीट्यूट, सिरसा

मामले में दोषी पाए गए अन्य व्यक्तियों में सीताराम, गुरदीप सिंह और बलजिंद्र सिंह गदराना के नाम सामने आए हैं।


फर्जीवाड़े की प्रक्रिया: क्या था तरीका? 📝

कोरोना महामारी के दौरान बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं, और छात्रों को प्रमोट कर दिया गया था। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए कुछ स्कूलों ने अन्य राज्यों के बोर्डों से फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए और छात्रों का फर्जी दाखिला किया।

मुख्य खुलासे:

  • 92 स्कूलों में 129 छात्रों के फर्जी दाखिले।
  • हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, और यूपी जैसे राज्यों के फर्जी सर्टिफिकेट का उपयोग।
  • फर्जी डीएमसी के आधार पर 12वीं की परीक्षा पास कराने का प्रयास।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ 📚

बोर्ड की जांच में यह पाया गया कि कुछ छात्रों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी परीक्षा के समकक्ष फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया। स्कूल प्रशासन ने एडमिशन के समय इन दस्तावेजों की सत्यता जांचे बिना दाखिला दे दिया, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया।


हरियाणा सरकार और पुलिस की सख्ती 🔒

हरियाणा सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सीआईए टीम को इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।


समाज और शिक्षा पर प्रभाव 📖

इस तरह के घोटाले न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं बल्कि समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। सरकार को चाहिए कि वह:

  • स्कूलों की नियमित जांच करे।
  • एडमिशन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करे।
  • दोषियों को सख्त सजा दे, ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले न हो।

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